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Toggleamrud ki kheti kaise karen | कैसे 10 से 12 लाख की आमदनी ले
अमरूद की खेती से लाखों का मुनाफा कमाने के लिए कुछ योजनाएं और विचारों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
उचित वाणिज्यिकीकरण : अमरूद की खेती से प्राप्त होने वाली उत्पादों को उचित वाणिज्यिकीकरण के साथ बेचना महत्वपूर्ण है। स्थानीय बाजारों के साथ साथ बड़े बाजारों और एक्सपोर्ट विकसित करने का प्रयास करें।
बढ़ते डिमांड का अध्ययन : अमरूद के उत्पादों की बढ़ती मांग को समझें और उसे पूरा करने के लिए अपनी खेती की रणनीति तैयार करें।
संबंधित उत्पादों के उत्पादन : अमरूद के साथ-साथ उससे संबंधित उत्पादों का उत्पादन करके अधिक मूनाफा कमाया जा सकता है, जैसे कि अमरूद की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, अमरूद का मरमलेड, शरबत, और सौंफ विनिर्माण।
किसानों के समृद्धि की योजनाएं : सरकारी योजनाओं और कृषि विभाग की योजनाओं का उपयोग करें जो किसानों को उचित समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान कर सकती हैं।
किसानों की शिक्षा : नए तकनीकी उन्नतियों और सुरक्षित खेती प्रथाओं के लिए किसानों को प्रशिक्षित करना महत्वपूर्ण है।
सहयोगी उत्पादों का उत्पादन : अमरूद की खेती के साथ और भी उत्पादों का उत्पादन करने से जैसे कि शहद, मल्टी-ग्रेन पैस्ट्री, और अन्य उत्पादों से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
बाजारी पुनर्निर्माण और ब्रांडिंग : अपने उत्पादों को अच्छी तरह से ब्रांडिंग करें और उन्हें बाजार में अधिक पहचान मिले। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित रूप से बाजारी पुनर्निर्माण का प्रयास करें।amrud ki kheti kaise karen
किसान समृद्धि योजनाएं : सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली किसान समृद्धि योजनाएं का लाभ उठाएं जो किसानों को आर्थिक समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
ग्राहक संबंध बनाएं : उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की प्रदान करने के साथ-साथ, ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध बनाएं
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अमरूद की खेती फलो में पूरे भारत में चौथा स्थान है।भारत में 17वी – 18वी शताब्दी से खेती की जा रही है।अब तो भारत में अमरूद की खेती आसान हो चुकी है। हम एक बार बागवानी लगा कर लगातार 30 से 35 वर्ष तक पैदावार ले सकते है। किसान इस खेती से 11 से 12 लाख सालाना कमा सकते है।
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अमरूद की खेती के लिए जलवायु :
खेती के लिया मिट्टी :
अमरूद के बीजों की बुवाई :
पौधों की देखभाल :
अमरूद के पौधों की रोपाई से पहले गड्ढ़े तैयार करें। उसके बाद रोपाई करने से पहले गोबर की खाद 200 से 300 ग्राम ढाल देनी चाहिया। हमें यूरिया का एस्तेमाल नही करना चाहिया व पोटाश का एस्तेमात करें वो भी ओर्गानिक होनी चाहिया। क्यूँकि अमरूद हमारे स्वास्थ्य को ख़राब ना कर सके।
पौधों की सिंचाई : अमरूद के पौधों की सिंचाई को ध्यानपूर्वक और विशेषत: उनकी आवश्यकताओं के अनुसार करना महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित कदमों का पालन करके आप अमरूद के पौधों को सही से सिंचा सकते हैं amrud ki kheti kaise karen
सिंचाई की अवधि : अमरूद के पौधों को नियमित रूप से सिंचाई की जरुरत होती है, खासकर गर्मियों में।आमतौर पर, प्रति सप्ताह एक बार समय पर सिंचाई करना उचित हो सकता है।
पानी की मात्रा : पौधों को प्रतिसप्ताह पाएंटी में एक से दो इंच पानी दें।यह आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी की नमी पर भी निर्भर करेगा।
मूल सिंचाई : अमरूद के पौधों को मूल के आसपास सिंचाई करें, ताकि पौधों की नीचे तक पानी पहुंच सके। यह पौधों की मजबूती को बढ़ावा देगा और उन्हें मूल से पोषण मिलेगा।
बूंदें की तीव्रता : सिंचाई की तीव्रता को ध्यान में रखें ताकि पानी गहराई तक पहुंच सके और मिट्टी को अच्छे से भिगो सके।
पानी की सुरक्षा : यदि संभावना हो, पानी को दिन के सुबह या संध्या में दें, ताकि यह सुखने का समय पाए और पौधों पर सुरक्षित रूप से प्रभावित हो सके।
प्रौद्योगिकियों का उपयोग : किसानों को इंटेलिजेंट सिंचाई तकनीकियों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि ट्रिकल सिंचाई या ड्रिप आईरिगेशन, जो पानी का उपयोग बचाते हैं और पौधों को सही समय पर सही मात्रा में पानी प्रदान करते हैं।
पानी की गुणवत्ता : सिंचाई के लिए उपयुक्त पानी का चयन करें। अगर संभावना हो, तो बोर का पानी या अच्छे गुणवत्ता वाला पानी प्रदान करना उत्तम है।
वृष्टि के समय पर देखभाल : अगर बारिश हो रही है, तो सिंचाई की जरुरत कम हो सकती है, लेकिन इस समय पर भी पौधों की देखभाल और सिंचाई का समय-समय पर करें। amrud ki kheti kaise karen
अमरूद का पौधा कितने साल में फाल देता है :
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