chukandar ki kheti (चुकंदर की खेती की पूरी जानकारी)

 
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chukandar ki kheti

चुकंदर : (chukandar ki kheti)

 

चुकंदर एक सब्जी है जो भूकंडर कुल की एक प्रजाति का हिस्सा है। इसे अंग्रेजी में “beetroot” भी कहा जाता है। चुकंदर का रंग लाल होता है और इसका स्वाद मिठा होता है। यह खासतर सलाद में उपयोग होता है, लेकिन इसे पकोड़े, रेस्टोरेंट मेन्यू में शाकाहारी विकल्प के रूप में भी शामिल किया जा सकता है। चुकंदर में फाइबर, फोलेट, विटामिन सी, पोटैशियम और अन्य कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।

मिट्टी : (chukandar ki kheti)

 
चुकंदर की खेती अलग अलग मिट्टी में की जा सकती हैं। चुकंदर की खेती के लिए 6 PH से 7 PH वाली मिट्टी आदर्श मानी जाती हैं। चुकंदर की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव करते समय ध्यान रखना हैं। कि आस पास की मिट्टी चुकंदर की फसल को प्रभावित कर सकती है। चुकंदर को बोए जाने वाली मिट्टी मुलायम होनी चाहिए  chukandar ki kheti

खाद :

 
एक टन चुकंदर उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टेयर 40-50 किलोग्राम नाइट्रोजन , 70-80 किलोग्राम पोटाश, मिट्टी को उपजाऊ रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही 4-5 टन गोबर की खाद फसल को बोने से पहले खेत में मिलाई जाए तो पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। 

सिंचाई :

 
बिजाई के बाद में फसल को पानी की ज़रूरत प्रचुर मात्रा में ज़रूरत होती है। फसल के अंकुर होने कि साथ ही पानी की मात्रा कम कर देनी चाहिए। ज़्यादा जल चकुंदर के पौधे को नुक़सानदायक हो सकता है।

कटाई :

 
चुकंदर की बिजाई के बाद 10 हफ्तों में फसल तैयार हो जाती है। चुकंदर की पहली खेप निकालने के बाद 8 सेमी. परिमाप होने तक फसल निकाली जा सकती है। लम्बे समय तक खेतों में छोडने से फल खराब हो सकता है।chukandar ki kheti

खरपतवार :

 
चुकंदर के खेतों में उगे खरपतवार किसानों द्वारा निष्पादित की जाती है और देशों में मशीनों द्वारा किया जाता है वैज्ञानिकों की सलाह से खरपतवार निरोधक के छिड़काव से खरपतवार को कम किया जा सकता है यह ध्यान में रखना चाहिए की बिजाई के समय बीज के रोपण के समय पौधों की दूरी समान होनी चाहिए ताकि खरपतवार को आसानी से निकला जा सके

रोग :

 
चुकंदर को सेहत के लाभकारी फलों में से एक माना जाता है, लेकिन किसी व्यक्ति को यदि चुकंदर का सेवन करते समय किसी प्रकार की तंजानी या अनुवाद रोग आता है, तो यह व्यक्ति एक चिकित्सक से सलाह प्राप्त करना चाहिए। यह जरूरी है क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति अलग हो सकती है और किसी भी नई आहार सामग्री का सेवन करते समय सतर्कता बरतना चाहिए।
 
यदि आप इसके बावजूद चुकंदर से जुड़े किसी विशेष रोग की बात कर रहे हैं, तो कृपया विस्तार से बताएं ताकि मैं आपको सही जानकारी दे सकूं। इसके अलावा, सबसे अच्छा यह होगा कि आप अपने स्थानीय चिकित्सक से मिलें और अपनी विशिष्ट स्थिति के लिए सलाह प्राप्त करें। chukandar ki kheti

 कटाई :

 
चुकंदर की कटाई को सही तरीके से करना महत्वपूर्ण है ताकि आप पूर्णत: विकसित बुआईयां प्राप्त कर सकें और उसका सही रूप में उपयोग कर सकें। यहां चुकंदर की कटाई के कुछ आम चरण दिए जा रहे हैं:
 
उपकरण तैयार करें : एक अच्छी कटिंग बोर्ड और एक तेज़ चाकू की आवश्यकता होती है। यदि आप बर्तन में चुकंदर काटना चाहते हैं, तो एक टोपी या हाथी की औज़ार भी काम कर सकता है ताकि आपके हाथ सुरक्षित रहें।
 
ध्यानपूर्वक साफ़ करें : चुकंदर को धोकर और साफ़ करें ताकि किसी भी मिट्टी या किचन के कागज आदि को हटा दें।
 
चुकंदर की कटाई करें : चुकंदर को चाकू से धीरे-धीरे काटें। आप इसे बर्तन में रातभर के लिए काट सकते हैं या उसे तुकड़ों में काटकर स्वाद के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।
 
आत्मसमर्पण बचाएं : ध्यान रखें कि चुकंदर का रंग बहुत ही स्थायी हो सकता है और यह आपके हाथों और बर्तनों पर छोड़ सकता है, इसलिए सुनिश्चित होकर काम करें और संभाल-पूर्वक हटाएं।
 
जल्दी से इस्तेमाल करें : चुकंदर को काटने के बाद, इसे जल्दी से इस्तेमाल करें या ठंडे पानी में रखें ताकि यह जल्दी से ओके ना हो जाए।
 
चुकंदर की कटाई का तरीका आपके उपयोग के अनुसार बदल सकता है, लेकिन ये आम चरण हैं जो आपको एक सावधानीपूर्ण और सुरक्षित तरीके से चुकंदर की कटाई में मदद कर सकते हैं।

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